हिन्दी कविता मजदूर | Poem by Roshan Sonkar

हिन्दी कविता मजदूर ( Hindi Kavita Majdoor )    मजदूर का न कोई नेता न मजदूर की कोई सरकार । किसे सुनाए दुखड़ा अपनी किसकी करे पुकार । एक मजदूर गया मजदूरी को काम हुआ,पच्चास का मालिक ने दिया तीस बुदबुदा के बोला अब नही आऊंगा, है मालिक तानाशाह घर आकर देखा पत्नी लिए चारपाई … Continue reading हिन्दी कविता मजदूर | Poem by Roshan Sonkar