बदगुमानी के धागे | Badgumani ke Dhage

बदगुमानी के धागे ( Badgumani ke Dhage )   बदगुमानी के कुछ धागे गुथे-गुथे स्मृतियों के मोती बिखरे हुए जैसे किसी मियाद के किसी पृष्ठ में रखा सूखा गुलाब कोई अतीत-सा प्रतिचित्र कुछ चंद नज़्म कहीं रूठी-सी आधी अधूरी-सी। अनायास लिखते-लिखते कहीं से कोई सदा मन के शांत कोने में गुजर जाती है। ये तन्हा-सा … Continue reading बदगुमानी के धागे | Badgumani ke Dhage