पुरुष ( Purush ) इनके आंखों में होती नहीं नमी पर जज्बातों की होती नहीं कमी फिक्र रहती है इन्हें हमारी सदा प्यार जताते हैं हम पर यदा-कदा गुस्सा क्रोध ,नाराजगी ,इनका अस्त्र है बिटिया, बेटा, सुनो जरा, इनका सस्त्र हैl दिनभर दौड़ते हैं कभी रुकते नहीं काम करते-करते यह थकते … Continue reading पुरुष | Hindi Poem on Purush
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