जिंदगी जब हम जीने लगे | Hindi Poem on Zindagi

जिंदगी जब हम जीने लगे ( Zindagi jab hum jeene lage )    जिंदगी जब हम जीने लगे गम के घूंट थोड़े पीने लगे अश्रु टपके नयन से हमारे अपनो को वो पसीने लगे जिंदगी जब हम जीने लगे लबों को धीरे से सीने लगे बातों में वजन कितना है साबित होने में महीने लगे … Continue reading जिंदगी जब हम जीने लगे | Hindi Poem on Zindagi