तिनकों के उस गछी महल में | Hindi poem

तिनकों के उस गछी महल में  ( Tinkon ke us gachi mahal mein )   सुबह एक दिन अपने घर में छत के एक अलग कोने में एक घोंसला सजा सलोना तिनकों के ताने बाने में   मां की ममता का न्योछावर देखा मानो रसखानों में, मां लाती चुग चुग कर दाना बिखरे फैले मैदानों … Continue reading तिनकों के उस गछी महल में | Hindi poem