मुझे संग पाओगे | Hindi Prem Kavita

मुझे संग पाओगे ( Mujhe sang paoge )   जानती हुँ मैं मुझमें वो पा ना सके तुम जिसे देखा करते थे ख्वाबों में कभी लाल साड़ी मे लिपटी फिल्मी सी या सुनहरी जलपरी जैसे बल खाती लचीली सी.. जानती हुँ मैं शायद ना पा सके मुझमें जो सोचा था तुमने वो शुचिता और पाक … Continue reading मुझे संग पाओगे | Hindi Prem Kavita