हो रही है | Ho Rahi Hai

हो रही है ( Ho Rahi Hai ) कहीं उल्फ़त ही उल्फ़त हो रही है।कहीं नफ़रत ही नफ़रत हो रही है। कहीं आराम से सोते हैं लीडर।कहीं मेह़नत ही मेह़नत हो रही है। उन्होंने ह़ाल क्या पूछा हमारा।मुसर्रत ही मुसर्रत हो रही है। न रोटी है न पानी है न बिजली।मशक़्क़त ही मशक़्क़त हो रही … Continue reading हो रही है | Ho Rahi Hai