होगा निश्चय सबेरा

होगा निश्चय सबेरा   अधिकार है सबको जीने का राजा रंक और फकीर, तृप्त होता कोई ख़्वाब देखकर हँसकर काटता कोई गम के जंजीर। लाख उलझनें हो जीवन में ख़्वाब सभी सजाते हैं, किसी के ख़्वाब पूरे होते किसी के अधूरे रह जाते हैं। नीद में देखता ख़्वाब कोई कोई सो नही पाता है, न … Continue reading होगा निश्चय सबेरा