हुस्न का गुलाब | Husn ka Gulab

हुस्न का गुलाब ( Husn ka gulab )    हुस्न का है गुलाब वो आज़म शक्ल से लाज़वाब वो आज़म फ़ूल लेता नहीं वहीं मेरा दें निगाहों में आब वो आज़म चाहता हूँ अपना बनाना वो एक खिलता शबाब वो आज़म दीद हो किस तरह भला उसका ओढ़े है जो नक़ाब वो आज़म शक्ल से … Continue reading हुस्न का गुलाब | Husn ka Gulab