इक पल | Ik Pal

इक पल ( Ik pal )    वक्त के गुबार से निकला हुआ अधूरे अधजले ख्वाबों की खाक में लिपटा हुआ वो इक ‘पल’ रूबरू आ गया हो जैसे… खुद ही उसकी राख उतार खारे पानी से धो संवारकर संजोकर संभाल कर उस इक ‘पल’ को अब कई बार जी जाना है मुझे   लेखिका … Continue reading इक पल | Ik Pal