ईमानदारी | Imandari par kavita
ईमानदारी ( Imandari ) ईमानदारी बहुत दुखी है झूठ का बोलबाला है लूट खसोट निरंतर जारी निकल रहा दिवाला है दीन ईमान की बातें सारी जनभाषण में बह जाती है छल कपट का राज हो रहा ईमानदारी दब जाती है मेहनत मजदूरी जो करते सदा चलते सीना तान अटल रहे सच्चाई पर … Continue reading ईमानदारी | Imandari par kavita
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed