इन्द्र का दर्प | Kavita

इन्द्र का दर्प ( Indra ka darp )   इन्द्र… हाँ ! इन्द्र, आज फिर क्रूध हो चुका है ! डुबोना चाहता है सारी धरती ! क्योंकि इन्होंने चुनौती दी है, उसके ऐश्वर्य एवं सत्ता को ! डूबने को हैं मजदूर, किसान एवं नौजवान । दर्द एवं दहशत इतना कि आवाज भी नहीँ दे पा … Continue reading इन्द्र का दर्प | Kavita