इंसान स्वयं को तू पहचान | Insan par kavita

इंसान स्वयं को तू पहचान! ( Insan swayam ko to pehchaan )  ऐ इंसान स्वयं को तू पहचान! जन्म हुआ किस हेतु तुम्हारा ? इस दुनिया जहान में, मानव खुद को तू पहचान रे। पेश करो तू मानवता की मिशाल, टिकते वही धरा पर जिनके होते हृदय विशाल। ऐ इंसान स्वयं को तू पहचान, विनम्रता … Continue reading इंसान स्वयं को तू पहचान | Insan par kavita