इन्तिज़ार से थका लौटकर | Nazm shayari

इन्तिज़ार से थका लौटकर  ( Intazaar se thaka lautkar )      इन्तिज़ार से थका लौटकर फिलहाल में आ चूका हूँ किसीको अनदेखा कर किसीके विशाल में आ चूका हूँ   ये दास्ताँ कभी ख़त्म नहीं होगा और यह कमाल होगा कई बार ना जाने कितनो के ख्याल में आ चूका हूँ   नया नहीं … Continue reading इन्तिज़ार से थका लौटकर | Nazm shayari