इसलिए फ़ूल भेजा नहीं प्यार का | Ghazal

इसलिए फ़ूल भेजा नहीं प्यार का! ( Isliye phool bheja nahi pyar ka )     इसलिए फ़ूल भेजा नहीं प्यार का! है फ़रेबी भरा ख़ूब दिल  यार का   इसलिए ख़त लिख पाया नहीं हूँ उसे बेवफ़ा दिल है उस यार दिलदार का   रिश्ता रखना है तो रख वरना तोड़ दें यूं नहीं … Continue reading इसलिए फ़ूल भेजा नहीं प्यार का | Ghazal