इज्जत बहुत गुलाब को, दी हमको सिर्फ धूल | Ghazal
इज्जत बहुत गुलाब को, दी हमको सिर्फ धूल ( Izzat bahut gulab ko, di humko sirf dhool ) इज्जत बहुत गुलाब को, दी हमको सिर्फ धूल ! करने को फिर शिकायतें , आये हैं कुछ बबूल !! रब से अता उस जैसे ही, काॅंटे हमारे पास ! क्यों वो है दिलफरेब पै, … Continue reading इज्जत बहुत गुलाब को, दी हमको सिर्फ धूल | Ghazal
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