Ja-Ra-Mat Bhojpuri Kavita -जरअ मत !
जरअ मत ! ** (भोजपुरी भाषा में) ****** ना त राख हो जइब, कोयला नियर खाक हो जइब। बाॅडी मास ( Body, Mass ) सब हो जाई हवा, एकर नइखे कवनो दवा। इ प्रकृति के नियम बा- जे जरी ऊ साफ होई, जरला पर राख होई। हवा उड़िया ले जाई, अस्तित्व तोहार मिटाई। त … Continue reading Ja-Ra-Mat Bhojpuri Kavita -जरअ मत !
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