जब दोस्त बने गद्दार | Kavita jab dost bane gaddar

जब दोस्त बने गद्दार ( Jab dost bane gaddar )     जो हमारे अपने हैं करते बैरी सा व्यवहार क्या कहे किसी से जब दोस्त बने गद्दार   मित्रता का ओढ़कर चोला मन का भेद लेते वो मुंह आगे आदर करते विपदा से घेर देते वो   उल्टी राय मशवरा देकर उल्टे काम कराते … Continue reading जब दोस्त बने गद्दार | Kavita jab dost bane gaddar