जब नाश मनुज पर छाता है | Jab Nash

जब नाश मनुज पर छाता है ( Jab nash manuj par chhata hai )    जब नाश मनुज पर छाता है, बल बुद्धि विवेक हर जाता है। अंधकार पग पग पर होता, किस्मत कोसकर तब नर रोता। नर की नजर में हितेषी भी, बैरी समान सा लगता है। कदम-कदम पर मुश्किलें अपार, दुख तकलीफों से … Continue reading जब नाश मनुज पर छाता है | Jab Nash