जग को बचाना ! ( Jag ko bachana ) आग से दोस्ती तू कभी न निभाना, बिगड़े हालात से जग को बचाना। नभ,जल,थल से मिसाइलें उठी हैं, खाक में साँसें न किसी की मिलाना। दाग के छींटे किसपे नहीं हैं, काँटों की राहें कहीं न बनाना। पलट करके देखो सियासत है प्यासी, दहशत जहां … Continue reading जग को बचाना | Jag ko Bachana
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