जलाना एक दीपक

जलाना एक दीपक ( माधव मालती छंदाधारित गीत ) देहरी पर आज अंतस के जलाना एक दीपकफेर कूची द्वेष पर तुम जगमगाना एक दीपक। घर तुम्हारा रौशनी से झिलमिलाता ठीक है येपर्व खुशियों के मनाता गीत गाता ठीक है येद्वार अंधेरा पड़ोसी का अगर है व्यर्थ है सबसामने कोई विकल तो हर्ष का कुछ अर्थ … Continue reading जलाना एक दीपक