जंग का सुरूर | Jang ka Suroor

जंग का सुरूर ( Jang ka suroor )    हर कोई नशे में चल रहा यारों, तभी तो ये जग जल रहा यारों। अश्क में उबल रही पूरी कायनात, देखो सुख का सूरज ढल रहा यारों। पिला रहे पिलानेवाले बनकर साक़ी, क्यों यूएनओ नहीं संभल रहा यारों। इजराइल,हमास,रूस,यूक्रेन,अमेरिका पे, रोज जंग का सुरूर चढ़ रहा … Continue reading जंग का सुरूर | Jang ka Suroor