वो कभी ज़ज्बात दिल के यार समझा नहीं | Jazbaat ghazal
वो कभी ज़ज्बात दिल के यार समझा नहीं ( Wo kabhi jazbaat dil ke yaar samjha nahi ) वो कभी ज़ज्बात दिल के यार समझा नहीं मुझसे देखो वो कभी भी प्यार से मिलता नहीं छोड़कर वो बीच सफ़र में ज़ा चुका है तन्हा ही पूरा उससे ही मुहब्बत का किया फेरा … Continue reading वो कभी ज़ज्बात दिल के यार समझा नहीं | Jazbaat ghazal
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