Hindi Poetry On Life -जीस्त तन्हाई की सहेली है!
जीस्त तन्हाई की सहेली है! ( Jeest Tanhai Ki Saheli Hai ) जीस्त तन्हाई की सहेली है! कट रही जिंदगी अकेली है नफ़रतों की बू कम नहीं होती देखो फ़िर भी खिली चमेली है जो सुलझती नहीं बातें दिल की बन गयी वो उल्फ़त पहेली है दोस्ती के टूटे है वो … Continue reading Hindi Poetry On Life -जीस्त तन्हाई की सहेली है!
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