Hindi Poetry On Life | Hindi Poem | Kavita -जीवन अमृत
जीवन अमृत (Jeevan Amrit ) ** बाद मुद्दत के एक ख्याल आया है जिंदगी से उठा एक सवाल आया है हमने कैसे कांटे बोये कैसे काटा यह जीवन कैसे हम ने बाग लगाए कैसे पाए थे कुछ फल ** भीगी चुनरिया जब फागुन में कैसे हमने रंग चढ़ाएं धानी रंग में रंगा स्वयं को इंद्रधनुष … Continue reading Hindi Poetry On Life | Hindi Poem | Kavita -जीवन अमृत
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