जेवर ( Jewar ) रत्न जड़ित आभूषण जेवर मनमोहक लगते रखड़ी बाजूबंद बोरला गले में सुंदर हार सजते छम छम पांवों की पायल नथली के नखरे न्यारे हाथों में मुद्रिका मनोहर कानों में झुमके प्यारे स्वर्ण आभूषण जड़ित कंगना भी कहर ढहाते हैं जेवर जो आकर्षण भर पिया के मन को भाते … Continue reading जेवर | Jewar kavita
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