जीवन का अक्स ( Jivan ka aks ) उजालों की बातों से दिल घबराता है, अंधेरा हर कदम कितना दहलाता है। जीने की मज़बूरियां सबकी है अपनी, अक्सर दुख की नदियाँ में तैराता है। मौसमी नमी से निज़ात पा ले मगर, सूखे वो न जो आँखों में गहराता है। बरसने की मंशा भरकर भी कोई, … Continue reading जीवन का अक्स | Jivan Shayari
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