इंसान बनो ( Insan Bano : Kavita ) ये हर तरफ क्या हो गया है, क्यों हर जगह उदासी का मंजर है । लोग छोटी-छोटी बातों पर, क्यों बेवजह लड रहे हैं, हर तरफ द्वेष नफरत ही, क्यों पल रही, बढ़ रही है ।। कहीं रिश्ते में दूरियां आ रही; तो कहीं इंसानियत मर … Continue reading इंसान बनो | Insan bano kavita
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