कहां होती | Kahan Hoti

कहां होती ( Kahan Hoti )   रवैये में लचक कोई मुरव्वत ही कहां होती कभी सरकार की हम पर इनायत ही कहां होती। जो बातिन है वो ज़ाहिर हो ही जाया करता है इक दिन असलियत को छुपाने की ज़रूरत ही कहां होती। मेरी तकलीफ़ में जगती है वो शब भर दुआ करती हो … Continue reading कहां होती | Kahan Hoti