Kavita | काहे बावड़ी पे बैठी राधा रानी

काहे बावड़ी पे बैठी राधा रानी ( Kahe Bawri Pe Baithi Radha Rani )   काहे बावड़ी पे बैठी राधा रानी, चलो चलते है यमुना के घाट पे। आया  सावन   भरा  नदी   पानी, चलो चलते है नदियां के घाट पे।।   बैठ कंदम्ब की डाल कन्हैया, मुरली  मधुर  बजाए। जिसकी धुन पर बेसुध गैय्या, ऐसी  … Continue reading Kavita | काहे बावड़ी पे बैठी राधा रानी