कहीं किसी मोड़ पर | Kahin kisi mod par | Kavita

कहीं किसी मोड़ पर ( Kahin kisi mod par )   फूल खिलने मन मिलने लगे महक गई वादियां मनमीत मिले संगीत सजे लो होने लगी शादियां आओ आओ सनम मिलो प्रेम की हसीं रोड पर फिर मिलेंगे हम जाने कब कहीं किसी मोड़ पर   राहे खुल सी गई बातें घुल सी गई जुबां … Continue reading कहीं किसी मोड़ पर | Kahin kisi mod par | Kavita