कलम तुम्हें मरने ना देंगे | Kalam Tumhe

कलम तुम्हें मरने ना देंगे ( Kalam tumhe marne na denge )   जब तलक जिंदा है हम, कलम तुम्हें मरने ना देंगे। उजियारे से अंधकार में, कदम तुम्हें धरने ना देंगे। उठो लेखनी सच की राहें, सत्य का दर्पण दिखाओ। कलमकार वाणी साधक, सृजन का दीप जलाओ। चंद चांदी के सिक्कों में, हम धर्म … Continue reading कलम तुम्हें मरने ना देंगे | Kalam Tumhe