काले बादल ( Kale badal ) घिर आये सब बादल काले ठंडी ठंडी बूंदों वाले ताल तलैया सब भर जाओ मेघ तुम घटाओ वाले चहक उठे चमन सारे प्रेम की बहती हो बहारें खेतों में हरियाली छाई खूब बरसो मेघा प्यारे अधरों पर मुस्कान देकर बूंदों से तन मन भिगोकर मन मयूरा … Continue reading काले बादल | Kale badal kavita
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