कालिख़ मल जाएँगे | Kalikh mal Jayenge

कालिख़ मल जाएँगे ( Kalikh mal jayenge )    ये बेहूदे लफ्ज़ अग़र जो खल जाएँगे लोग मुँह पे आकर कालिख़ मल जाएँगे देख ख़िज़ाँ की ज़ानिब मत नाउम्मीदी से रफ़्ता-रफ़्ता गुजर सभी ये पल जाएँगे मत आया कर छत पर यूँ तू रोज़ टहलने चाँद सितारे शम्स नहीं तो जल जाएँगे छोड़ो अब ये … Continue reading कालिख़ मल जाएँगे | Kalikh mal Jayenge