Romantic Poetry In Hindi | Hindi Kavita -कल्पना
कल्पना (Kalpana ) नमक है पोर पोर में सुन्दर बडी कहानी तेरी। सम्हालोगी कैसे सूरज सी गर्म जवानी तेरी। भँवर बन कर हुंकार डोलता है तेरे तन मन पे। हृदय के कोने में अब भी है वही निशानी तेरी। रूप तेरा ऐसा की देख, सभी का यौवन मचले। कुँवारो का दिल जैसे … Continue reading Romantic Poetry In Hindi | Hindi Kavita -कल्पना
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