कमलेश विष्णु की कविताएं | Kamlesh Vishnu Hindi Poetry
आओ मिलजुल धरा सजाएं आओ मिलजुल धरा सजाएंपर्यावरण बचाना होगा,घर-घर अलख जागना होगा !पेड़ कभी कटने ना पाए,पावस ऋतु में वृक्ष लगाएं !! आओ मिलजुल धरा सजाएं ! जल को होनें ना दें दूषित,नदियों को भी स्वच्छ कराएं!संचित जल को व्यर्थ करें ना,ऐसा सब में भाव जगाएं !! आओ मिलजुल धरा सजाएं! खेती बाड़ी करें … Continue reading कमलेश विष्णु की कविताएं | Kamlesh Vishnu Hindi Poetry
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