करे है उससे फ़ासले हम नहीं | Ghazal

करे है उससे फ़ासले हम नहीं ( Kare hai usse faasle hum nahi )   करे है उससे फ़ासिले हम नहीं दग़ा प्यार में ही करे हम नहीं   चुनी है मुहब्बत की राहे हमने नफ़रत की राहों पर चले हम नहीं   बेअदबी करी घर बुलाकर अपनें उसके रु ब रु फ़िर हुये हम … Continue reading करे है उससे फ़ासले हम नहीं | Ghazal