मानव या दानव कर्मों से | Karma par Kavita

मानव या दानव कर्मों से ( Manav ya danav karmo se )   अच्छाई के पथ पर चलते वो मानवता होती है। लूटमार चोरी अन्याय कर्मों से दानवता होती है। मानवता आदर्श दिए मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम। धर्म निभाया रामचंद्र ने करुणा सिंधु हो निष्काम। दशानन दंभ में झूमा जब बढ़ा धरा पे पापाचार। दानवता ने … Continue reading मानव या दानव कर्मों से | Karma par Kavita