करवा चौथ | Karwa Chauth kavita

करवा चौथ ( Karwa Chauth : Poem in Hindi ) (2 )    वो चांद कह के गया आऊंगा लेकर चांदनी। पूर्णिमा को चमका दूंगा करवाचौथ भागिनी। प्रेम सुधा बरसा दूंगा आऊंगा फिर धरा पर। दो दिलों में प्यार भरो लाउंगा प्रीत यहां पर। स्नेह निर्झर हृदय से धवल चांदनी चमक रही। गौरी सज श्रृंगार … Continue reading करवा चौथ | Karwa Chauth kavita