Karwa Chauth kavita 2021
Karwa Chauth kavita 2021

करवा चौथ

( Karwa Chauth : Poem in Hindi )

(2 ) 

 

वो चांद कह के गया आऊंगा लेकर चांदनी।
पूर्णिमा को चमका दूंगा करवाचौथ भागिनी।

प्रेम सुधा बरसा दूंगा आऊंगा फिर धरा पर।
दो दिलों में प्यार भरो लाउंगा प्रीत यहां पर।

स्नेह निर्झर हृदय से धवल चांदनी चमक रही।
गौरी सज श्रृंगार धरे आंखें प्रीत से दमक रही।

प्रीत की पावन डोर जीवन की सुहानी भोर को।
अमृत रस से भर दो सुखमय करूं हर पल को।

करना इंतजार मेरा खुशियों से भर दूं दामन तेरा।
सुहाग सुख गौरी पाये चांद जब झोली भर जाए।

करवा चौथ को आऊंगा सुहागिनों का मैं चांद।
इंतजार की पावन घड़ियां सब्र का टूटता बांध।

प्रेम का प्रतीक बन गया करवा चौथ व्रत खास।
प्रियतम जियो हजारों साल नारियां करें उपवास।

मनोकामना पूरी करूंगा फिर चांद कहकर गया।
जीवन में खुशियां भरूंगा भाव धरो करुणा दया।

 

( 1 ) 

सौभाग्य का प्रतीक है करवा चौथ व्रत खास
सुहागन नारियां करती लेकर करवा उपवास

 

आरोग्य  सुख  समृद्धि  दीर्घायु  पाए  सुहाग
चंद्र रश्मियां उर में जगाती दांपत्य अनुराग

 

सज  धज  नारी चौथ को करे सोलह श्रृंगार
मन का मीत मनोहर चंद्रमा निरखे बारंबार

 

व्रत खोले स्वामी संग दर्श सुधाकर पाकर
बुजुर्गों का आशीष ले पति चरण को छूकर

 

करवा चौथ भी ढल गया फैशन के नए दौर में
पति अब  पीस  रहा नई फरमाइशो के शोर में

 

आस्था प्रेम समर्पण के मधुर स्नेह को दर्शाता है
धवल चंद्रिका लिए घट में आलोक भर जाता है

 

जीवन साथी के सुख की कामना करती हमसफ़र
सद्भाव  प्रेम  आनंद से जीवन का कटता रहे सफर

 

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

जटायु राज | Kavita

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here