
करवा चौथ
( Karwa Chauth : Poem in Hindi )
सौभाग्य का प्रतीक है करवा चौथ व्रत खास
सुहागन नारियां करती लेकर करवा उपवास
आरोग्य सुख समृद्धि दीर्घायु पाए सुहाग
चंद्र रश्मियां उर में जगाती दांपत्य अनुराग
सज धज नारी चौथ को करे सोलह श्रृंगार
मन का मीत मनोहर चंद्रमा निरखे बारंबार
व्रत खोले स्वामी संग दर्श सुधाकर पाकर
बुजुर्गों का आशीष ले पति चरण को छूकर
करवा चौथ भी ढल गया फैशन के नए दौर में
पति अब पीस रहा नई फरमाइशो के शोर में
आस्था प्रेम समर्पण के मधुर स्नेह को दर्शाता है
धवल चंद्रिका लिए घट में आलोक भर जाता है
जीवन साथी के सुख की कामना करती हमसफ़र
सद्भाव प्रेम आनंद से जीवन का कटता रहे सफर
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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