कवि की दुनिया जैसे न्यारी है | Kavi par kavita

कवि की दुनिया जैसे न्यारी है  ( Kavi ki duniya jaise nyari hai )      शब्द-शब्द पिरोकर लेखक बुक माला बना देते, भाव अपनें मन के ये इसी क़लम से लिख देते। इन कवियों की दुनिया सब से अलग हीं लगती, कविता से कहानी कहानी से कविता बना देते।।   कल्पना से सोचकर लेखक … Continue reading कवि की दुनिया जैसे न्यारी है | Kavi par kavita