अपने अपने राम | Kavita Apne Apne Ram
अपने अपने राम ( Apne Apne Ram ) अपने अपने राम भजे सब मन में मोतीराम हुए। मार कुंडली रावण बैठा खुद ही राजा राम हुए। मर्यादा का हनन हो रहा संस्कार सारे लुप्त हुए। कुंभकरण सी नींद सोए आचरण विलुप्त हुए। लाज शर्म आंखे खोई शिष्टाचार सब भूल गए। स्वार्थ में अंधे होकर … Continue reading अपने अपने राम | Kavita Apne Apne Ram
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