हम अपने भाग्य के निर्माता स्वयं है | Kavita Apne Bhagya ke

हम अपने भाग्य के निर्माता स्वयं है ( Hum apne bhagya ke nirmata swayam hai )   हर एक इंसान मे होता है कोई न कोई हुनर, अलग-अलग काम करता ये है उसका कर्म। अपने आप को कोई समय से ही जगा लेता, लेकिन कई नींद में अपनी उम्र निकाल देता।। किसी का छिप जाता … Continue reading हम अपने भाग्य के निर्माता स्वयं है | Kavita Apne Bhagya ke