अपनी खिचड़ी अलग पकाना | Kavita Apni Khichdi alag Pakana

अपनी खिचड़ी अलग पकाना ( Apni khichdi alag pakana )    एक कलम होता कलमकार हथियार, जिसको होता माते शारदे का वरदान। मन की बात लिख देता वह कलम से, सोच-विचारकर यह शब्दों को जोड़ते।। आज अलग थलग सभी रहना चाहतें, सुख दुःख मे भागीदार न होना चाहतें। आज न जाने सभी को यें क्या … Continue reading अपनी खिचड़ी अलग पकाना | Kavita Apni Khichdi alag Pakana