अरुणोदय काल | Kavita Arunoday Kaal
अरुणोदय काल ( Arunoday Kaal ) निगल रहा सूरज अंधियारी, अहा भोर कितनी प्यारी, उभरा सूर्य अक्स सरोवर, छिटक गईं किरणें पानी पर, अरुणोदय का काल सुहाए, निखरी छटा प्रकृति की भाए, खुली ऑख अंगड़ाई संग, शुरू हुई जीवन की जंग, भानू महायोग है लाया, किरणों ने सब रोग भगाया, नित प्रभात की किरणें … Continue reading अरुणोदय काल | Kavita Arunoday Kaal
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