बस्ता ( Basta ) पीठ पर लादे गोवर्धन-सा बड़ा बस्ता दीखे गिरिधर आ रहे हैं श्यामसुंदर चढ़ रहे वे सोपान शिक्षा के डगमगाते पांव पतले कांपते-हांफते तीसरी में ही ग्ए बन गए हैं फायियान ढ़ो रहे – संसार भर का ज्ञान पूरी पढाई कर निकले जब स्कूल से बन गए हैं बोनसाई शेखर कुमार … Continue reading बस्ता | Kavita Basta
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