Kavita Basta
Kavita Basta

बस्ता

( Basta )

 

पीठ पर लादे
गोवर्धन-सा बड़ा बस्ता
दीखे गिरिधर
आ रहे हैं श्यामसुंदर

चढ़ रहे वे
सोपान शिक्षा के
डगमगाते पांव पतले
कांपते-हांफते

तीसरी में ही ग्ए
बन गए हैं फायियान
ढ़ो रहे –
संसार भर का ज्ञान

पूरी पढाई कर
निकले जब
स्कूल से
बन गए हैं बोनसाई

Shekhar Kumar Srivastava

शेखर कुमार श्रीवास्तव
दरभंगा( बिहार)

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