बस्ता | Kavita Basta

बस्ता ( Basta )   पीठ पर लादे गोवर्धन-सा बड़ा बस्ता दीखे गिरिधर आ रहे हैं श्यामसुंदर चढ़ रहे वे सोपान शिक्षा के डगमगाते पांव पतले कांपते-हांफते तीसरी में ही ग्ए बन गए हैं फायियान ढ़ो रहे – संसार भर का ज्ञान पूरी पढाई कर निकले जब स्कूल से बन गए हैं बोनसाई शेखर कुमार … Continue reading बस्ता | Kavita Basta