चुलबुली तेरी एक झलक | Kavita chulbuli teri ek jhalak
चुलबुली तेरी एक झलक ( Chulbuli teri ek jhalak ) चुल्बुली तेरी एक झलक के लिए बेकरार रहता हूं जिस्म मैं अपने शहर और दिल तेरे पास रखता हूँ न जाने क्या रिश्ता पनपता जा रहा है हम दोनो में तू मेरी है चुल्बुली मैं तेरा हूँ ऐसी अब आस रखता हूँ तेरे शहर … Continue reading चुलबुली तेरी एक झलक | Kavita chulbuli teri ek jhalak
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