दोस्त | Kavita Dost

दोस्त ( Dost ) ( 2 ) दोस्त बिना है जीवन अधूरा लड्डू सी है गजब दोस्ती आटा संग जैसे रमे बूरा बिन कहे पहचान सब जाए ह्दय मन हलचल का हाल पूरा मित्रता नमक और पानी धरती और फसल धानी ना शर्म झिझक ना कोई बने ज्ञानी कृष्ण सुदामा की अनुपम कहानी बचपन से … Continue reading दोस्त | Kavita Dost